
मोरबी वीसीपरा मदिना सोसायटी सुमरा जमात खानामा राष्ट्रिय मुस्लीम मोर्चा का राज्य अधिवेशन रखा गया था
राष्ट्रिय मुस्लीम मोर्चा का राज्य अधिवेशन मै ऐस.सी.ऐस.टी.ओबीसी और माइनोरीटी के साथ ना रहेगा इवीऐम न रहेगा मनुवाद पे चर्चा हुइ
मोरबी वीसीपरा मदिना सोसायटी मे सुमरा जमातखाना मे राष्ट्रिय मुस्लीम मोर्चा राज्य अधिवेश का आयोजन किया गया था इस अधिवेशन का उदधाटन रमणभाई के. परमार बामसेफ अध्यक्ष, गुजरात राज्य द्रारा किया गया था और अधिवेशन मुख्य अतिथि युसुफ संघवानी प्रदेश अध्यक्ष, आरएमएम, गुजरात और जगदीश चावडा बामसेफ अध्यक्ष, राजकोट जिल्ला और विशेष अतिथि
कासमभाई जत (अध्यक्ष, राष्ट्रीय मुस्लिम मोरचा, कच्छ) महंमदभाई कडिवार (माईनोरीटी चेरमेन, बिकानेर) ईकबालभाई जेडा (मियाणा मुस्लिम समाज, मोरबी) और हजरत मुफ्ती फहीमुद्दीन साहब राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय मुस्लिम मोचों. नई दिली की अध्यक्षता से किया गया था
(१)ये अधिवेशन मे वकफ संशोधन विधेयक 2025 भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों एवं अनुच्छेद 19, 25, 26 का उलंधन करता है एक गंभीर मंचन (२) भारत में बरशिप एक्ट 1991 (Places of Worship Act, 1991) होने के बावजूद मुसलमानों के इबादतगाहो और वक्फ की संपतियों पर नाजायज तरीके से कब्जा व उन्हें नष्ट करना शासक जातियों का संवैधानिक षड्यंत्र हैं। एक चर्चा (३) भारत के मुसलमानो पर धार्मिक आधार पर हो रहे हिंसक हमले जैसे मोबालिंचिंग, फर्जी लवजिहाद और फर्जी गौकसी के नाम पर हत्याओं के पीछे मनुषादी विचारधारा काम कर रही है। एक गंभीर चर्चा
आज देश में शासक जातियों के द्वारा लगातार मुसलमानों को आये दिन बेगुनाह मुसलमानों को शक के बुनियाद पर कभी जेलों में डालना, कभी मोंबलिविंग लवजिहाद के नाम पर हत्याये आजान नमाज, हिजाब के नाम पर निशाना बनाया जाना और वक्फ बोर्ड की संपतियों पर नाजायज तरीके से कब्जा करने की लगातार साज़िसे की जा रही है। इस साजिश की असल वजह, भारत के मुसलमानों के अंदर कौन जालिम है और कौन मजलूम है। इस बात की बेदारी न होना ही है। जिसकी वजह से देश में बार-बार एक जालिम का विकल्प का दूसरा जालिम शासक बन रहा है। इसलिए उक्त मुद्दों पर खुलकर सर्चा करने के लिए विषय पर चर्चा की गइ थी इस अधिवेशन के आयोजक रफीकभाई संघवाणी (प्रभारी) जुसबभाई जेडा (अध्यक्ष)
हुसेनभाई भट्टी (उपाध्यक्ष ) राष्ट्रीय मुस्लिम मोरचा, मोरबी जिल्ला दारा आयोजित किया गया था